विकास सेठी भारतीय टेलीविजन उद्योग के एक प्रमुख अभिनेता हैं, जिन्होंने कई धारावाहिकों में अपनी अदाकारी के लिए पहचान बनाई है। लेकिन उन्हें सबसे ज़्यादा ख्याति मिली लोकप्रिय टेलीविजन शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में उनके किरदार ‘अभिषेक बजाज’ के रूप में। यह शो भारतीय टेलीविजन इतिहास का एक मील का पत्थर साबित हुआ, जो 2000 से 2008 तक चला। बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित और एकता कपूर द्वारा प्रस्तुत किया गया यह शो भारतीय पारिवारिक मूल्यों और सांस्कृतिक परंपराओं के इर्द-गिर्द घूमता है।
विकास सेठी का प्रारंभिक जीवन:
विकास सेठी का जन्म और पालन-पोषण मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हुए, विकास बचपन से ही अभिनय में रुचि रखते थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की और बाद में टेलीविजन और फिल्म उद्योग की ओर रुख किया। अपने शुरुआती करियर में उन्हें कुछ छोटी भूमिकाएँ मिलीं, लेकिन उन्हें असली पहचान तब मिली जब उन्होंने ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘अभिषेक बजाज’ का किरदार निभाया।
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में भूमिका:
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का प्रसारण स्टार प्लस पर होता था और यह शो भारतीय दर्शकों के दिलों पर राज करता था। इसमें कई प्रमुख और सहायक कलाकार थे, लेकिन हर किरदार का अपना महत्वपूर्ण योगदान था। शो में विकास सेठी ने अभिषेक बजाज का किरदार निभाया, जो एक नकारात्मक भूमिका थी। यह किरदार तुलसी (मुख्य पात्र) के परिवार से संबंध रखता था और शो के कथानक में उसके किरदार ने कई बार मोड़ लाए।
अभिषेक बजाज एक शातिर और चालाक व्यक्ति था, जो अपनी स्वार्थी महत्वाकांक्षाओं के लिए किसी भी हद तक जा सकता था। विकास सेठी ने इस किरदार को इतनी निपुणता से निभाया कि दर्शकों के दिलों में उसकी छवि एक खलनायक के रूप में बस गई। यह किरदार उस समय के नकारात्मक पात्रों में सबसे अधिक चर्चित था, और इसके लिए विकास सेठी को काफी सराहना भी मिली।
विकास सेठी की अदाकारी और दर्शकों पर प्रभाव:
विकास सेठी ने अपने अभिनय कौशल के माध्यम से अभिषेक बजाज के किरदार को जीवंत कर दिया। उनके किरदार का व्यक्तित्व छल, चालाकी और धूर्तता से भरा हुआ था, और वह दर्शकों को बार-बार चौंकाने वाला अभिनय करते रहे। उनके डायलॉग डिलीवरी से लेकर चेहरे के भाव तक, हर एक पहलू में विकास ने इस भूमिका को सफलतापूर्वक निभाया।
जहां एक तरफ नायकों के किरदार दर्शकों की सहानुभूति और प्यार बटोरते हैं, वहीं दूसरी तरफ नकारात्मक भूमिकाएं निभाने वाले कलाकारों को भी उतनी ही मान्यता मिलती है, अगर वे अपनी भूमिका को सजीव कर दें। विकास सेठी ने इस शो में ऐसा ही कुछ किया। उन्होंने इस नकारात्मक किरदार को इस कदर सजीव बनाया कि दर्शक उनके अभिनय को देखकर चकित रह जाते थे।
विकास सेठी का करियर ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के बाद:
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में अपनी भूमिका के बाद, विकास सेठी ने और भी कई लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिकों में काम किया। हालांकि, उन्हें इस शो में निभाई गई भूमिका के लिए विशेष रूप से याद किया जाता है, लेकिन उनके अन्य शो में भी उनकी अदाकारी को सराहा गया।
इसके बाद उन्होंने 'कसौटी जिंदगी की', 'कहीं तो होगा', और 'कुसुम' जैसे प्रमुख टीवी शो में भी काम किया। इसके अलावा, उन्होंने कुछ बॉलीवुड फिल्मों में भी छोटे-मोटे किरदार निभाए, जिनमें ‘ओम शांति ओम’ और ‘डरना मना है’ शामिल हैं। उनका फिल्मी करियर भले ही ज्यादा बड़ा नहीं रहा हो, लेकिन टेलीविजन पर उन्होंने अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है।
भारतीय टेलीविजन में खलनायक की भूमिकाओं का महत्व:
भारतीय टेलीविजन शो में नकारात्मक भूमिकाओं का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसे किरदार शो की कहानी को आगे बढ़ाने और रोमांचक बनाने में सहायक होते हैं। दर्शकों के लिए ये किरदार शो में दिलचस्पी बनाए रखते हैं। विकास सेठी ने ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में अपने अभिषेक बजाज के किरदार के माध्यम से यह साबित कर दिया कि एक खलनायक की भूमिका भी नायक से कम महत्वपूर्ण नहीं होती।
नकारात्मक किरदार निभाने के लिए एक विशेष तरह की क्षमता की आवश्यकता होती है। ऐसे किरदारों को निभाते समय अभिनेता को अपने अभिनय में गहराई और वास्तविकता लानी होती है, ताकि दर्शकों को उस किरदार पर विश्वास हो सके। विकास सेठी ने इस चुनौती को स्वीकार किया और ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में इसे बखूबी निभाया।
विकास सेठी की लोकप्रियता और प्रशंसकों का प्यार:
हालांकि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में उनका किरदार एक नकारात्मक था, लेकिन इसके बावजूद विकास सेठी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। उनका अभिनय इतना सजीव और प्रभावशाली था कि लोग उन्हें शो से हटकर भी पसंद करने लगे। यह उनकी अदाकारी का कमाल था कि उन्होंने नकारात्मक भूमिका निभाकर भी इतनी लोकप्रियता हासिल की।
विकास सेठी के किरदार ने उन्हें भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में एक पहचान दिलाई। उन्होंने अपने अभिनय कौशल से यह सिद्ध कर दिया कि वह हर तरह की भूमिका निभा सकते हैं, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। उन्हें इंडस्ट्री में एक बहुमुखी अभिनेता के रूप में देखा जाता है।
अभिनेता के रूप में योगदान और भविष्य की संभावनाएँ:
विकास सेठी का टेलीविजन इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कई लोकप्रिय शो में काम किया है और हर बार अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है। हालांकि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में उनका किरदार एक नकारात्मक था, लेकिन उन्होंने इसे इतनी कुशलता से निभाया कि वह भारतीय टेलीविजन के इतिहास में हमेशा याद किए जाएंगे।
वर्तमान में भी, विकास सेठी टेलीविजन और ओटीटी प्लेटफार्मों पर सक्रिय हैं। वह अपने नए प्रोजेक्ट्स और भूमिकाओं के लिए तत्पर हैं, और उनके प्रशंसक उनकी आने वाली भूमिकाओं का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उनके अभिनय में जो गहराई और विविधता है, वह उन्हें इंडस्ट्री में एक स्थायी अभिनेता बनाती है।
निष्कर्ष:
विकास सेठी ने भारतीय टेलीविजन शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में अपनी नकारात्मक भूमिका के जरिए अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया। उन्होंने यह साबित किया कि एक खलनायक की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितनी कि एक नायक की। उनके अभिनय ने न केवल दर्शकों का दिल जीता, बल्कि उन्हें इंडस्ट्री में एक स्थायी स्थान भी दिलाया।
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