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हरियाली तीज पर इन 2 चीजों को न पहनें: जानें महत्वपूर्ण बातें

 हरियाली तीज, जो सावन महीने में मनाई जाती है, विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, महिलाएं सुहागिनों के लिए शुभ मानी जाने वाली चीजें पहनती हैं, श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं, और विशेष रूप से माता पार्वती की पूजा करती हैं। हालांकि, हरियाली तीज के दिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें पहनने से बचना चाहिए। इन चीजों के पहनने से न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बचना चाहिए, बल्कि यह सामाजिक मान्यताओं के अनुसार भी सही नहीं माना जाता है। इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि हरियाली तीज के दिन कौन सी 2 चीजें नहीं पहननी चाहिए और क्यों।



हरियाली तीज का महत्व

हरियाली तीज का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह पर्व उन विवाहित महिलाओं के लिए होता है जो अपने पति की लंबी आयु और परिवार के सुख-समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। इस दिन महिलाएं हरे रंग की साड़ी, चूड़ियां, और आभूषण पहनकर सोलह श्रृंगार करती हैं और देवी पार्वती से आशीर्वाद मांगती हैं।

हरियाली तीज पर क्या न पहनें: 2 मुख्य चीजें

हरियाली तीज के दिन महिलाओं को विशेष रूप से दो चीजें पहनने से बचना चाहिए:

  1. काले रंग के कपड़े
  2. टूटे हुए या खराब आभूषण

आइए, इन दोनों चीजों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. काले रंग के कपड़े पहनने से बचें

काले रंग को हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है। इसे शोक, नकारात्मकता और दुर्भाग्य का प्रतीक माना जाता है। हरियाली तीज का पर्व विशेष रूप से खुशी, प्रेम और सौभाग्य के लिए मनाया जाता है, इसलिए इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना वर्जित माना जाता है।

काले रंग के कपड़े न पहनने के कारण:

  • धार्मिक दृष्टिकोण: हिंदू धर्म में काला रंग किसी भी शुभ कार्य, पूजा, या पर्व पर पहनना अच्छा नहीं माना जाता है। काले रंग को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है और इसलिए हरियाली तीज जैसे पवित्र दिन पर इसे पहनने से बचना चाहिए।

  • सामाजिक मान्यता: भारतीय संस्कृति में, काले रंग को आमतौर पर शोक के समय पहना जाता है। इसलिए, किसी भी खुशहाल और शुभ मौके पर, खासकर हरियाली तीज पर, महिलाएं इसे पहनने से बचती हैं ताकि उनके और उनके परिवार के लिए कोई भी नकारात्मकता न आए।

  • आध्यात्मिक दृष्टिकोण: हरियाली तीज के दिन महिलाएं देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं। यह दिन प्रेम, समर्पण और सृजन का प्रतीक है। काले रंग का चयन इस ऊर्जा के साथ मेल नहीं खाता और इसलिए इसे पहनने से बचना चाहिए।

2. टूटे हुए या खराब आभूषण पहनने से बचें

टूटे हुए या खराब आभूषण पहनना अशुभ माना जाता है, खासकर जब बात हरियाली तीज जैसे त्योहार की हो। हरियाली तीज पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें साफ-सुथरे और संपूर्ण आभूषण का विशेष महत्व होता है।

टूटे हुए या खराब आभूषण न पहनने के कारण:

  • धार्मिक दृष्टिकोण: हिन्दू धर्म में टूटे हुए आभूषणों को पहनना अपशकुन माना जाता है। यह न केवल अशुभ माना जाता है, बल्कि इसे देवी-देवताओं के प्रति अनादर भी माना जाता है। इसीलिए हरियाली तीज जैसे पवित्र त्योहार पर, जहाँ महिलाएं देवी पार्वती की आराधना करती हैं, टूटे हुए आभूषण नहीं पहनने चाहिए।

  • सौंदर्य और स्वच्छता का प्रतीक: हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के सोलह श्रृंगार से जुड़ा हुआ है। यह दिन महिलाओं की सुंदरता, प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। टूटे हुए या गंदे आभूषण पहनने से सौंदर्य और स्वच्छता की भावना बाधित होती है।

  • सकारात्मकता और समृद्धि का संकेत: हरियाली तीज पर महिलाएं अपने पति और परिवार की समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं। टूटे हुए आभूषण पहनना नकारात्मकता और दुर्भाग्य का संकेत हो सकता है, जो इस त्योहार के मूल उद्देश्य के विपरीत है।

हरियाली तीज पर पहनने के लिए क्या चुनें?

अब जब आप जान गए हैं कि हरियाली तीज पर क्या नहीं पहनना चाहिए, तो आइए जानते हैं कि इस पवित्र पर्व पर क्या पहनना शुभ होता है:

  1. हरे रंग के कपड़े: हरा रंग हरियाली तीज का मुख्य रंग होता है। यह रंग समृद्धि, प्रेम, और प्रकृति का प्रतीक है। महिलाएं इस दिन हरे रंग की साड़ी, सूट या लहंगा पहनती हैं और इसके साथ मेल खाते आभूषण और चूड़ियां पहनती हैं।

  2. सोलह श्रृंगार: हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है। इसमें बिंदी, सिंदूर, काजल, मेंहदी, चूड़ियां, बिछिया, नथ, हार, मंगलसूत्र आदि शामिल हैं। हरियाली तीज के दिन सोलह श्रृंगार करना अत्यधिक शुभ माना जाता है और यह महिलाओं की सुंदरता को निखारता है।

  3. साफ और संपूर्ण आभूषण: हरियाली तीज के दिन केवल साफ और संपूर्ण आभूषण पहनना चाहिए। सोने और चांदी के आभूषण के साथ-साथ पारंपरिक आभूषण जैसे कि मांग टीका, कंगन, और पायल भी पहने जा सकते हैं।

  4. मेहंदी: इस दिन मेहंदी लगाना भी शुभ माना जाता है। मेहंदी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और यह महिलाओं के सौंदर्य को बढ़ाता है।

हरियाली तीज के दौरान अन्य महत्वपूर्ण बातें:

  • पूजा विधि का पालन: हरियाली तीज के दिन शिव-पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा के दौरान सभी आवश्यक सामग्री का उपयोग करें और विधि-विधान का पालन करें।

  • व्रत का महत्व: इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। व्रत के दौरान संयम और श्रद्धा का पालन करना चाहिए।

  • झूला झूलना: हरियाली तीज का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा झूला झूलना है। महिलाएं पेड़ पर सजाए गए झूले पर झूलती हैं और तीज के गीत गाती हैं।

निष्कर्ष

हरियाली तीज का पर्व प्रेम, भक्ति और सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन, काले रंग के कपड़े और टूटे हुए आभूषण पहनने से बचना चाहिए क्योंकि यह न केवल अशुभ माना जाता है, बल्कि यह पर्व की पवित्रता और शुभता को भी प्रभावित कर सकता है। इस त्योहार को मनाते समय सही रंगों और संपूर्ण आभूषणों का चयन करके, महिलाएं अपने पूजा और व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त कर सकती हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकती हैं।

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