पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक्स (Paralympic Powerlifting) एक महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिता है जिसमें विकलांग एथलीट्स अपनी शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति का प्रदर्शन करते हैं। यह खेल विशेष रूप से शारीरिक विकलांगता वाले एथलीट्स के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें वे बेंच प्रेस (bench press) नामक एकल लिफ्ट में प्रतिस्पर्धा करते हैं। पैरालंपिक्स पावरलिफ्टिंग का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) द्वारा किया जाता है, और यह पैरालंपिक खेलों का हिस्सा है।
पावरलिफ्टिंग का इतिहास और विकास
पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक्स की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी। पहली बार इसे 1964 के टोक्यो पैरालंपिक खेलों में प्रदर्शित किया गया था, लेकिन उस समय इसे केवल कुछ विकलांगताओं तक ही सीमित रखा गया था। समय के साथ, पावरलिफ्टिंग ने विकलांग एथलीट्स के बीच अत्यधिक लोकप्रियता हासिल की और 1984 से इसे सभी प्रकार की शारीरिक विकलांगताओं के लिए खोल दिया गया। आज, पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक्स में एक प्रतिष्ठित खेल के रूप में पहचाना जाता है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों एथलीट्स अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हैं।
खेल के नियम और प्रारूप
पैरालंपिक पावरलिफ्टिंग में केवल एक ही लिफ्ट होती है – बेंच प्रेस। इसमें एथलीट को एक बेंच पर लेटना होता है और अपने सीने से बारबेल को सीधा ऊपर उठाना होता है। खेल में सफलता के लिए तीन महत्वपूर्ण तत्वों की आवश्यकता होती है:
- बैलेंस: एथलीट को बारबेल को नियंत्रण में रखते हुए संतुलित तरीके से उठाना होता है।
- शक्ति: सीने से बारबेल को ऊपर उठाने के लिए पर्याप्त शक्ति होनी चाहिए।
- तकनीक: सही तकनीक का उपयोग करते हुए बारबेल को नियंत्रित करना होता है ताकि कोई भी गलती न हो।
हर एथलीट को तीन प्रयास मिलते हैं, और उनमें से सर्वश्रेष्ठ प्रयास को गिना जाता है। यदि तीन में से कोई भी प्रयास असफल होता है, तो उसे "नो लिफ्ट" कहा जाता है। प्रत्येक एथलीट के प्रयास का मूल्यांकन तीन निर्णायक (judges) करते हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रयास नियमों के अनुसार हुआ है या नहीं।
वजन श्रेणियां
पैरालंपिक पावरलिफ्टिंग में विभिन्न वजन श्रेणियों में एथलीट्स प्रतिस्पर्धा करते हैं। यह श्रेणियां पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग होती हैं। पुरुषों के लिए आमतौर पर 10 और महिलाओं के लिए 10 वजन श्रेणियां होती हैं। वजन श्रेणियों का निर्धारण एथलीट्स के शरीर के वजन के आधार पर किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
- पुरुषों के लिए: 49 किलोग्राम, 54 किलोग्राम, 59 किलोग्राम, 65 किलोग्राम, 72 किलोग्राम, 80 किलोग्राम, 88 किलोग्राम, 97 किलोग्राम, 107 किलोग्राम और +107 किलोग्राम।
- महिलाओं के लिए: 41 किलोग्राम, 45 किलोग्राम, 50 किलोग्राम, 55 किलोग्राम, 61 किलोग्राम, 67 किलोग्राम, 73 किलोग्राम, 79 किलोग्राम, 86 किलोग्राम और +86 किलोग्राम।
प्रतियोगिता का आयोजन और स्थान
पैरालंपिक खेलों में पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन विशेष रूप से तैयार किए गए हॉल में होता है, जहां एक मंच पर बेंच और बारबेल रखे जाते हैं। प्रतियोगिता के दौरान, सभी प्रतिभागियों का वजन पहले से ही मापा जाता है, और उन्हें उनकी संबंधित श्रेणियों में रखा जाता है। हर प्रतिभागी को तीन लिफ्ट करने का अवसर मिलता है, और उच्चतम वजन उठाने वाला एथलीट विजेता घोषित होता है।
एथलीट्स के लिए तैयारी
पावरलिफ्टिंग एक अत्यधिक शारीरिक खेल है, जिसमें ताकत, सहनशक्ति, और मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है। एथलीट्स अपनी ट्रेनिंग के दौरान निम्नलिखित तत्वों पर ध्यान केंद्रित करते हैं:
शारीरिक प्रशिक्षण: पावरलिफ्टिंग एथलीट्स के लिए वेट ट्रेनिंग, कार्डियो, और फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज आवश्यक होती हैं। वे नियमित रूप से अपने कोच के निर्देशन में जिम में वजन उठाने की तकनीक और ताकत बढ़ाने के लिए काम करते हैं।
आहार और पोषण: एथलीट्स का आहार उनकी ट्रेनिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन्स, और मिनरल्स से भरपूर आहार एथलीट्स की मांसपेशियों की वृद्धि और रिकवरी के लिए आवश्यक होता है।
मानसिक तैयारी: पावरलिफ्टिंग एक मानसिक खेल भी है, जिसमें आत्म-विश्वास और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता महत्वपूर्ण होती है। एथलीट्स मानसिक रूप से खुद को मजबूत बनाने के लिए योग, ध्यान, और विज़ुअलाइज़ेशन तकनीक का उपयोग करते हैं।
पैरालंपिक पावरलिफ्टिंग के प्रमुख एथलीट्स
पैरालंपिक पावरलिफ्टिंग में कई एथलीट्स ने अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। कुछ प्रमुख एथलीट्स में शामिल हैं:
सियामंड रहमान (ईरान): सियामंड रहमान ने 2016 रियो पैरालंपिक में 300 किलोग्राम से अधिक वजन उठाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। वह सबसे शक्तिशाली पैरालंपिक एथलीट माने जाते हैं।
लूसिया मॉरिनो (मेक्सिको): लूसिया ने 2012 लंदन पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता और वह अपनी दृढ़ संकल्प और उत्कृष्ट तकनीक के लिए जानी जाती हैं।
राउल एंगोयो (नाइजीरिया): राउल ने 2016 और 2020 के पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीते और वह अपने अद्भुत शक्ति और सहनशक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।
पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक्स का महत्व
पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक्स न केवल एक खेल प्रतियोगिता है, बल्कि यह विकलांगता के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाने का एक माध्यम भी है। यह खेल विकलांग व्यक्तियों को उनकी शारीरिक सीमाओं से परे जाकर अपने सपनों को पूरा करने का अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह खेल विकलांगता के साथ जीवन जी रहे लोगों को प्रेरित करता है कि वे भी किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं।
निष्कर्ष
पैरालंपिक पावरलिफ्टिंग एक ऐसा खेल है जो साहस, दृढ़ता और मानसिक शक्ति का प्रतीक है। यह विकलांग एथलीट्स को अपनी शारीरिक क्षमता और आत्म-विश्वास को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। इस खेल के माध्यम से, न केवल एथलीट्स को अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिलता है, बल्कि यह भी दिखाया जाता है कि असली जीत केवल पदक जीतने में नहीं, बल्कि अपने आप को हर दिन बेहतर बनाने में है।
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